भारत में शादीशुदा जिंदगी से दुखी महिलाएं कर रही हैं ऐसा, इस एप(app) से दूर कर रही हैं अपना अकेलापन. खाश बात विवाहेतर संबंध की तलाश में ग्लीडेन पर दस्तक देते है 5 लाख भारतीय पिछले साल ग्लीडेन के भारतीय यूजर में 25 फीसदी महिलाएं थीं. 30 फीसदी भारतीय महिला इसका इस्तमाल करती हैं. शादी-शुदा जिंदगी से नाखुश अनेक भारतीय खुशी की तलाश में विवाहेतर महिला-पुरुष मेल-मिलाप करवाने वाले एप (एक्स्ट्रा-मैरिटल डेटिंग एप) ग्लीडेन (Gleeden) पर दस्तक दे रहे हैं. शादी-शुदा जिंदगी से परेशान पुरुष व महिलाओं के लिए यह एप लाइफलाइन बनता जा रहा है. 31 साल की पूजा (बदला हुआ नाम) की शादी को 11 साल हो चुके हैं और वह मां बन चुकी है. पूजा को लगता है कि सिर्फ मां के रूप में उनकी भूमिका मानी जाती है जिससे वह बहुत दुखी रहती हैं. पूजा ने कहा, "मैं मानती हूं कि विवाहेतर संबंध से सचमुच मैं बदल गई हूं. इससे पहले मुझे लगता था कि मैं अपना नारीत्व खो चुकी हूं. मुझे कामोत्तेजक महसूस नहीं करती थी और उससे भी ज्यादा मैं अकेली महसूस करती थी." उन्होंने कहा, "मैं अपने प्रेमी से (ग्लीडेन ...