होम लोन लेने की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानिए
होम लोन की अवधि और ब्याज दर पर भी लोन अमाउंट निर्भर करता है. इसके अलावा बैंक लोन के लिए उम्र की ऊपरी सीमा भी फिक्स कर चलते हैं.
आप कितना लोन ले सकते हैं?
होम लोन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले इस बात का आंकलन करें कि आप की कमाई कितनी है और उस हिसाब से बैंक कितना लोन दे सकते हैं.
बैंक सबसे पहले यह देखते हैं कि आप समय पर होम लोन चुका पाएंगे या नहीं. हर महीने आपके हाथ में जितनी अधिक रकम आएगी, आपके होम लोन की राशि उतनी बढ़ती जाएगी.
आमतौर पर कोई बैंक या कर्ज देने वाली कंपनी यह देखती है आप मासिक आमदनी का 50 फीसदी होम लोन की किस्त के रूप में दे पाएंगे या नहीं.
होम लोन की अवधि और ब्याज दर पर भी लोन अमाउंट निर्भर करता है. इसके अलावा बैंक होम लोन के लिए उम्र की ऊपरी सीमा भी फिक्स कर चलते हैं.
आप अधिक से अधिक कितना होम लोन ले सकते हैं?
क्या होम लोन के लिए को एप्लिकेंट जरुरी है?
हाँ, अधिकतर केस में को-एप्लिकेंट जरुरी है. अगर प्रॉपर्टी दो लोगों के नाम से है तो उस मामले में होम लोन में भी दोनों का शामिल होना जरुरी है. अगर आप प्रॉपर्टी के मालिक हैं तो आपके परिवार का कोई भी व्यक्ति को एप्लिकेंट हो सकता है.
होम लोन के अप्रूवल के लिए कौन से कागजात चाहिए?
होम लोन के एप्लिकेशन फॉर्म में ही साथ लगाए जाने वाले डॉक्यूमेंट की चेकलिस्ट लगी होती है. इसके साथ ही आपको फोटो लगानी होती है. घर खरीदने के क़ानूनी कागजात से लेकर बैंक आपसे आइडेंटिटी और रेजिडेंस प्रूफ के साथ सैलरी स्लिप (ऑफिस से सत्यापित और खुद से अटेस्टेड) और फॉर्म 16 या आयकर रिटर्न के साथ बैंक का पिछले छह महीने की स्टेटमेंट तक देना पड़ता है. होम लोन देने वाले कुछ संस्थान लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, शेयर के कागजात, एनएससी, म्युच्युअल फंड यूनिट, बैंक डिपॉजिट या दूसरे निवेश के कागजात भी गिरवी के तौर पर मांगते हैं.
होम लोन मंजूर होना और जारी होना क्या है?
होम लोन की रकम आपके हाथ में किस तरह आएगी?
होम लोन एकमुश्त या किस्त में आपको दी जाती है. इसमें अधिक से अधिक तीन किस्त हो सकती है. अंदर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के मामले में लोन की रकम कंस्ट्रक्शन की प्रगति के हिसाब से दी जाती है. इस तरह की प्रॉपर्टी के मामले में आप कर्ज देने वाले बैंक से यह एग्रीमेंट कर सकते हैं जहां कंस्ट्रक्शन के हिसाब से होम लोन की राशि बिल्डर को दी जाएगी. रेडी टू मूव प्रॉपर्टी के मामले में लोन की रकम एकमुश्त मिल सकती है.
ब्याज दरों के क्या विकल्प हैं?
होम लोन पर ब्याज दरें फिक्स्ड या फ्लेक्सिबल हो सकती है. फिक्स्ड में ब्याज दरें पहले ही तय हो जाती हैं और फ्लेक्सिबल में यह बदलती रहती है.
होम लोन में क्या कॉस्ट शामिल हैं?
होम लोन के लिए इंश्योरेंस लेना चाहिए?
यह हमेशा बेहतर है कि आप इस होम लोन के जोखिम को कवर करें. आपकी अनुपस्थिति में यह आपके परिवार के लिए बड़ी राहत हो सकती है. आप इसके लिए प्योर टर्म प्लान ले सकते हैं या मोरगेज इंश्योरेंस प्लान ले सकते हैं. इस तरह के प्लान में सिंगल और रेगुलर प्रीमियम दोनों विकल्प मौजूद हैं.
होम लोन की अवधि और ब्याज दर पर भी लोन अमाउंट निर्भर करता है. इसके अलावा बैंक लोन के लिए उम्र की ऊपरी सीमा भी फिक्स कर चलते हैं.
आप कितना लोन ले सकते हैं?
होम लोन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले इस बात का आंकलन करें कि आप की कमाई कितनी है और उस हिसाब से बैंक कितना लोन दे सकते हैं.
बैंक सबसे पहले यह देखते हैं कि आप समय पर होम लोन चुका पाएंगे या नहीं. हर महीने आपके हाथ में जितनी अधिक रकम आएगी, आपके होम लोन की राशि उतनी बढ़ती जाएगी.
आमतौर पर कोई बैंक या कर्ज देने वाली कंपनी यह देखती है आप मासिक आमदनी का 50 फीसदी होम लोन की किस्त के रूप में दे पाएंगे या नहीं.
होम लोन की अवधि और ब्याज दर पर भी लोन अमाउंट निर्भर करता है. इसके अलावा बैंक होम लोन के लिए उम्र की ऊपरी सीमा भी फिक्स कर चलते हैं.
आप अधिक से अधिक कितना होम लोन ले सकते हैं?
- किसी मकान या फ्लैट की कीमत का 10 -20 फीसदी तक डाउन पेमेंट करना पड़ता है. यह आपका अपना योगदान होता है. इसके बाद प्रॉपर्टी की वैल्यू का 80-90 फीसदी तक लोन मिल जाता है. इसमें रजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर और स्टांप ड्यूटी जैसे चार्ज भी शामिल होते हैं. अगर कर्ज देने वाला संस्थान आपको ज्यादा रकम होम लोन के रूप में अप्रूव कर दे तब भी जरुरी नहीं कि आप सारी रकम लोन के रूप में ले लें.
- प्रॉपर्टी खरीदते वक्त आपको अधिक से अधिक डाउन पेमेंट करना चाहिए जिससे लोन का बोझ कम से कम रहे. होम लोन पर कर्ज देने वाला बैंक लंबी अवधि में आपसे काफी ब्याज वसूलता है, इसका ध्यान रखें
क्या होम लोन के लिए को एप्लिकेंट जरुरी है?
हाँ, अधिकतर केस में को-एप्लिकेंट जरुरी है. अगर प्रॉपर्टी दो लोगों के नाम से है तो उस मामले में होम लोन में भी दोनों का शामिल होना जरुरी है. अगर आप प्रॉपर्टी के मालिक हैं तो आपके परिवार का कोई भी व्यक्ति को एप्लिकेंट हो सकता है.
होम लोन के अप्रूवल के लिए कौन से कागजात चाहिए?
होम लोन के एप्लिकेशन फॉर्म में ही साथ लगाए जाने वाले डॉक्यूमेंट की चेकलिस्ट लगी होती है. इसके साथ ही आपको फोटो लगानी होती है. घर खरीदने के क़ानूनी कागजात से लेकर बैंक आपसे आइडेंटिटी और रेजिडेंस प्रूफ के साथ सैलरी स्लिप (ऑफिस से सत्यापित और खुद से अटेस्टेड) और फॉर्म 16 या आयकर रिटर्न के साथ बैंक का पिछले छह महीने की स्टेटमेंट तक देना पड़ता है. होम लोन देने वाले कुछ संस्थान लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, शेयर के कागजात, एनएससी, म्युच्युअल फंड यूनिट, बैंक डिपॉजिट या दूसरे निवेश के कागजात भी गिरवी के तौर पर मांगते हैं.
होम लोन मंजूर होना और जारी होना क्या है?
- आपके द्वारा दिए गए कागजों के हिसाब से बैंक आपको लोन देने या नहीं देने का फैसला करते हैं. होम लोन की रकम भी इसी पर निर्भर करती है.
- अगर बैंक ने आपका आवेदन स्वीकार कर लिया और उस हिसाब से होम लोन देने का फैसला कर लिया तो सैंक्शन लेटर में होम लोन की रकम, अवधि और ब्याज दरों आदि के बारे में जानकारी होती है. इसमें ही लोन की शर्त के बारे में जानकारी होती है.
- जब वास्तव में आपके हाथ में लोन की रकम आ जाती है तो इसे डिस्बर्समेंट कहते हैं. यह दरअसल तकनीकी, कानूनी और वैल्युएशन संबंधी प्रक्रिया पूरी होने के बाद होता है.
होम लोन की रकम आपके हाथ में किस तरह आएगी?
होम लोन एकमुश्त या किस्त में आपको दी जाती है. इसमें अधिक से अधिक तीन किस्त हो सकती है. अंदर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के मामले में लोन की रकम कंस्ट्रक्शन की प्रगति के हिसाब से दी जाती है. इस तरह की प्रॉपर्टी के मामले में आप कर्ज देने वाले बैंक से यह एग्रीमेंट कर सकते हैं जहां कंस्ट्रक्शन के हिसाब से होम लोन की राशि बिल्डर को दी जाएगी. रेडी टू मूव प्रॉपर्टी के मामले में लोन की रकम एकमुश्त मिल सकती है.
ब्याज दरों के क्या विकल्प हैं?
होम लोन पर ब्याज दरें फिक्स्ड या फ्लेक्सिबल हो सकती है. फिक्स्ड में ब्याज दरें पहले ही तय हो जाती हैं और फ्लेक्सिबल में यह बदलती रहती है.
होम लोन में क्या कॉस्ट शामिल हैं?
- जब आप होम लोन लेते हैं तो सिर्फ लोन कि किस्त नहीं चुकाते. यह हालांकि हर मामले में लागू नहीं होता, लेकिन इसके साथ कई खर्च शामिल हैं.
- लोन एमाउंट का एक फीसदी तक प्रोसेसिंग चार्ज हो सकता है, जिसे कई बार बैंक माफ कर देते हैं. ज्यादा महंगी प्रॉपर्टी के मामले में दो वैल्युएशन की जाती है और निचले वैल्युएशन पर लोन सैंक्शन किया जाता है.
होम लोन के लिए इंश्योरेंस लेना चाहिए?
यह हमेशा बेहतर है कि आप इस होम लोन के जोखिम को कवर करें. आपकी अनुपस्थिति में यह आपके परिवार के लिए बड़ी राहत हो सकती है. आप इसके लिए प्योर टर्म प्लान ले सकते हैं या मोरगेज इंश्योरेंस प्लान ले सकते हैं. इस तरह के प्लान में सिंगल और रेगुलर प्रीमियम दोनों विकल्प मौजूद हैं.
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