Skip to main content

which mobile brand is good for small city

नमस्ते viewers     मैं आज आपको एक बात बोलूंगी कि कौन सा मोबाइल सही है छोटे शहरों के लिए देखिए हम जब भी कुछ चीज खरीदते हैं तो यह सोच कर buy korte हैं कि यह सामान या यह डिवाइस लंबे समय तक चले| ऐसा देखा जाता है कि छोटे शहरों में मोबाइल जो ठीक करता है वह मैकेनिक या टेक्निशियन उतना एक्सपर्ट नहीं होते हैं जिसके कारण हम सबको प्रॉब्लम की सामना करना पड़ता है| तो इसलिए आपको उस कंपनी का मोबाइल लेना चाहिए जो कि अच्छा हो साथ में गुड फीचर्स और कोई भी जगह उसे आसानी से ठीक कर पाए. मैं आज ऐसा कंपनी का नाम बताऊंगा जो कि हम सबके फेवरेट ब्रैंड होते हैं और जो हम आसानी से पसंद करते हैं और ज्यादा बिकने वाला है इंडिया में और छोटे शहरों में वह Samsung mobiles.| इसमें क्या होता है अगर कोई भी सैमसंग की मोबाइल खराब होता है तो जैसे कि स्मार्टफोन हो उसमें क्या होता है वह सब मोबाइल front side से खुला होता है| तो उस वक्त डिस्प्ले और Touch ब्रेक होने की चांस होता है अगर वह टेक्निशियन उतना एक्सपर्ट नहीं होता है तो| जैसे कि सैमसंग की मॉडल J5, J7 और जो अप टू डेट मॉडल होता है इन सब में यो प्रॉब्लम आता है| अगर आप दूसरे कंपनी के मोबाइल से कंपेयर करेंगे  तो उसमें देख पाएंगे कि वह सब मोबाइल  बैक साइड से खोलना होता है जिसके कारण डिस्प्ले और touch ब्रेक होने की संभावना नहीं रहता है| वह मोबाइल छोटे-मोटे टेक्निशियन खोलने में या प्रॉब्लम solve korne may सक्षम होते हैं| कारण यह है कि वह back side से ओपन करने में इजी होते हैं जैसे कि कोई छोटा-मोटा प्रॉब्लम जैसे बिजली से चार्ज नहीं होना, माइक्रोफोन काम नहीं करना, या स्पीकर काम नहीं करना, मोबाइल पानी में गिर गया wo  समय आप मोबाइल टेक्निशियन के पास ले जाते हो wo वक्त अगर सैमसंग के मोबाइल हो तब आपको परेशानी के सामना कोरा ना पढ़ सकता है| अगर वह टेक्निशियन एक्सपर्ट नहीं हो तो. तो छोटे छोटे शहरों में बड़े-बड़े एक्सपोर्ट टेक्निशियन कम होते हैं जिसके कारण आपको प्रॉब्लम हो सकता है अगर दूसरे मोबाइल की बात करें तो जैसे कि माइक्रोमैक्स, ओप्पो, वीवो, इंटेक्स, आई टेल उस सब back side से खोलना होता है जिसके कारण fornt side की सामान तोड़ने का चांस नहीं रहता है| इसीलिए मैं ADVICE करता हूं छोटे शहरों में रहने वाले लोगों को  वह ऐसा मोबाइल खरीदें जो की back side से ओपन होता है रिपेयर करने के लिए. यह बात मैं अपने नॉलेज से आपको समझाया हूँ.  इस बात को अच्छा भी    लग सकता है या बुरा भी.  जो सच है उसी को बता रहा हूं धन्यवाद.

Comments

Popular posts from this blog

दिल्ली के डॉक्टर ने खोजा प्रतिदिन 1 किलो वजन कम करने का आसान तरीका बिना किसी कसरत या परहेज के   डॉ. कुमैल की आश्चर्यजनक खोज...   हर आम दिन की तरह ही वो भी एक आम दिन था जिस दिन मेरी जिंदगी पूरी तरह से बदल गयी। मैं अपने बायो-इंजीनिरिंग क्लासेज में पढ़ाने और एम्स टीचिंग हॉस्पिटल में चक्कर लगाने के बीच में था तभी मेरी मां का फोन आया। उन्हें पता था कि मैं काम में व्यस्त होऊंगा तो वो कभी फोन नहीं करती थी जब तक की कोई महत्वपूर्ण काम नहीं हो। जब मैंने उनका नाम अपने फोन में देखा तो मैं तुरंत ही घबरा गया और फोन उठाया। आगे उन्होंने जो मुझे बताया उसने मुझे पूरी तरह से तोड़ दिया। मेरे छोटे भाई कपिल, जो सिर्फ 33 साल का था, उसे बहुत बड़ा हार्ट अटैक आया था और उसे एम्बुलेंस द्वारा उसी अस्पताल लाया जा रहा था जहां मैं काम करता था। मैं क्लास से बाहर निकला और दौड़ते हुए नीचे की ओर गया। मेरी आंख में आंसू आ गए थे और मैं सोचने लगा था कि क्या मेरा भाई ठीक होगा? हार्ट अटैक कितनी बुरी तरीके से आया होगा? क्या उसे ऑपरेशन की जरुरत पड़ेगी? मैं जानता था कि मैं अपने भ...
10 years boy wrote a letter to indian PM. LET'S SEE WHAT HE WAS WRITTEN? “ Sir, You are touring different countries. Can’t you come down to our village and see the plights of people here,” "Save our lives. Many of my friends have died of Japanese fever. You are roaming around the globe," writes the boy . As 73 children died in the outbreak of Japanese Encephalitis at 505 villages in the tribal-dominated Malkangiri district in Odisha, a 10-year-old boy’s letter to the Prime Minister fervently appealing for help laid bare the desperation of the villagers. Official sources said that the death toll had mounted to 73. Malkangiri chief district medical officer Uday Shankar Mishra, however, claimed that 27 children had actually died of JE while others perished due to different reasons. “Save our lives. Many of my friends have died of Japanese fever. You are roaming around the globe. Cannot you come over to our village and see how children are dying here,”...
सेक्स या नींद: क्या है बेहतर और क्या चुनेंगे आप?  क्या आप भी अक्सर रात में सोने और सेक्स में से क्या चुनें इस उधेड़बुन में फंस जाते हैं। वैसे अगर एक लाइफस्टाइल सर्वे की मानें तो तकरीबन 80 प्रतिशत लोग सेक्स की बजाय नींद को चुनना ज्यादा पसंद करते हैं। अगर आप भी इस बात को लेकर कन्फ्यूज हैं कि सेक्स की बजाय नींद को चुनना नॉर्मल है या नहीं तो यहां हम आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं... अगर आप रात में पूरी नींद नहीं लेते हैं तो अगले दिन आपको सुस्ती महसूस होगी, कॉन्सनट्रेशन लेवल प्रभावित होगा। कम सोने से वजन बढ़ने की समस्या भी होती है और साथ ही आपकी इम्यूनिटी भी कमजोर होती है। इसलिए सेक्स की बजाय नींद को चुनना बिल्कुल नॉर्मल है। लेकिन एक बात हमेशा याद रखें कि अगर आपके पास पार्टनर है तो सेक्स आपकी लाइफ का एक अहस हिस्सा है। सेक्स करने के भी कई फायदे हैं। इससे स्ट्रेस कम होता है, कैलरी बर्न होती है, हार्ट स्ट्रॉन्ग रहता है और आपके रिश्ते को मजबूती भी मिलती है। लेकिन ये सवाल अभी भी बना हुआ है कि नींद और सेक्स में से बेहतर क्या है? कुछ एक्सपर्ट्स की मानें तो दोनों ही बेहतर हैं। कुछ का...